बच्चे जिस टेबल पर पढ़ाई करता हैं उस टेबल पर पर चांदी की कटोरी में जल भरकर रख दे , या अगर चांदी की कटोरी नहीं है तो किसी स्वच्छ बर्तन में पानी भरकर उसमें चांदी का एक टुकड़ा या चांदी का एक सिक्का दाल दे , बच्चे की एकाग्रता बढ़ेगी , उसे बैचैनी से शान्ति मिलेगी ।
यदि माता पिता को अगर इस चीज का पता चलता ही की बच्चा झूठ बोल रहा है तो उसके सिरहाने धतूरे की जड़ को चांदी के तार में लपेटकर रख दे ।
आवला और ब्राम्ही का सेवन बच्चे को करवाये इससे बच्चे का आत्मबल कमजोर नहीं होगा।
अगर बच्चा गलत आदत और संगत के कारण झूठ बोल रहा है तो लाल या काले धागे में यह बात सोचते हुए की " मै मेरे बच्चे को झूठ बोलने से बचाना चाहती/चाहता हूँ" 11 गांठे लगा ले और बच्चे के गले में पहन दे ।
यदि कोई बच्चा जरूरत से ज्यादा जिद करे व घर में उछल कूद के साथ कीमती सामानों की तोड़ फोड़ करने पर उतारू रहे तो चांदी का चंद्रमा बनवाकर उसे पूर्णिमा की रात्रि में शुद्ध कच्चा दूध या गंगा जल में डूबाकर ¬ सों सोमाय नमः का एक माला जपकर आकाश के चंद्रमा को दिखाते हुए बच्चे के गले में पहना दें। यदि नजर लगती हो तो काले धागे में भी पहना सकते हैं। वैसे सामान्यतः सफेद धागा में पहनाएं, बच्चे का जिद्दीपन दूर हो जाएगा।
बच्चा जिद्दी हो तो इसे छत के पंखे के पंखों पर लगा दे ताकि पंखा चलने पर मोर के पंखो की भी हवा बच्चे को लगे धीरे-धीरे हठ व जिद्द कम होती जायेगी.
बच्चे को मस्तक पर केसर का टीका या हल्दी का टीका लगाना भी शुभ होता हैं, इससे बच्चे को अनुशासन आयेगा ।
घर मे पढ़ाई के कक्ष मै माँ सरस्वती की एक मूर्ति या फोटो अवश्य लगावे,और बच्चे से वँहा एक दीपक रोज जलवाए ।
सुबह उठते ही बच्चे को अपने धर्म अनुसार गायत्री मन्त्र , नवकार मन्त्र आदि का पूर्व दिशा की और मुख करके हाथो को देखकर बोलने की आदत
नियमित रूप से सूर्य देव को ताम्बे के लौटे से जल अर्पित करने से बच्चे का मनोबल बढ़ेगा ,और आँखों की रौशनी भी बढ़ेगी ।
हर पूर्णिमा को चांदी के बर्तन से चन्द्रमा को कच्चे दूध का अर्घ्य देने से बच्चे का मन शांत रहेगा और क्रोध एवम् जिद मे कमी आयगी ।
जिन लोगो या बच्चों का मंगल राहु केतु या शनि खराब होंगे वह उनको शान्ति से कभी नहीं बैठने देंगे , हमेशा बैचैनी रहेगी , जीवन में अच्छे फल नहीं लेने देंगे , निजी जीवन के साथ साथ रिश्तों में खट्टास आती रहेगी ।बच्चे मै एकाग्रता की कमी आती हैं, पढ़ाई मे मन भटकता हैं । ऐसे में गंगाजल का दान करें , चाहे मंदिर में या चाहे मित्र या परिवार में , अगर बच्चा झूठ बोलता है तो उसके हाथ से दान करवाए । साथ ही पानी का अपव्यय नही होने दे ।
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