Skip to main content

मानसिक रूप से मजबूत लोग कभी नहीं करते ये गलतियां

मानसिक रूप से मजबूत लोग कभी नहीं करते ये गलतियां



हर किसी की लाइफ में वह दिन जरुर आता है, जब उसे मानसिक रूप से मजबूत बन कर अपनी जिंदगी का कोई बड़ा फैसला लेना पड़ता है। जो लोग मानसिक रूप से मजबूत होते हैं, वे अपनी भावनाओं, विचारों और व्यवहार को अच्छी तरह से काबू में रखना जानते हैं।
आज की इस दुनिया में जहां लोग काम निकलवाने के लिये दूसरे का इमोशनल ब्लैकमेल करते हैं, अगर व्यक्ति मानसिक रूप से मजबूत ना हो तो, जीना दूभर हो जाएगा। रिलेशनशिप हो या फिर जॉब की परेशानी, आप कितने ज्यादा मानसिक रूप से मजबूत हैं, यह बताता है कि आप जिंदगी में कैसे जी पाएंगे। जिंदगी में कोई भी परेशानी क्यूं ना आए, मगर जो लोग मानसिक रूप से मजबूत होते हैं, वे परेशानियों को नए लेंस से देखना जानते हैं। तभी तो उनकी लाइफ बिल्कुल स्मूथ रहती है और वे ही सफलता की सीढियां भी चढ़ते हैं।
खुद की मजबूरी पर रोते नहीं
मेंटली मजबूत लोग अकेले बैठ कर ना तो पछताते हैं और ना ही अपनी मजबूरी पर रोते हैं। वे जानते हैं कि जिंदगी में आसान नहीं होती इसलिये वे अपनी जिंदगी की जिम्मेदारी खुद उठाना सीखते हैं।

अपनी ताकत आसानी से नहीं देते
वे दूसरों को अपनी जिंदगी कंट्रोल नहीं करने देते और ना ही वे अपनी शक्ति को दूसरों के हाथों में देते हैं। वह यह नहीं कहते फिरते कि मेरा बॉस मुझे अच्छा महसूस नहीं करवा रहा है, क्योंकि वे जानते हैं कि उनकी पावर के बिना उनकी भावना को कोई ठेस भी नहीं पहुंचा सकता।
बदलाव से घबराते नहीं
मानसिक रूप से मजबूत लोग किसी भी प्रकार के परिवर्तन से बचने की कोशिश नहीं करते। इसके बजाय, वे सकारात्मक बदलाव का स्वागत करते हैं और उसे अपनाने को तैयार रहते हैं। वे समझते हैं कि बदलाव अपरिहार्य है और उनकी क्षमता को अनुकूल करने के लिए में विश्वास
करते हैं।
अपनी एनर्जी को बरबाद नहीं करते
ये चीज वे बदल नहीं सकते, उसके पीछे वह अपनी एनर्जी को बरबाद नहीं करते। वहीं वे अपनी एनर्जी को दूसरी जगह पर लगाते हैं।
हर किसी को खुश करना जरुरी नहीं समझते

वे हर समय हर किसी को खुश करना जरुरी नहीं समझते। उन्हें ना कहने से डर नहीं लगता या फिर वे तब बोलते हैं जब जरुरी होता है।

पास्ट में जीना पसंद नहीं करते
ऐसे लोग अपना समय पुरानी बातों में वेस्ट नहीं करते। वे अगर उसे याद भी करते हैं, तो उससे केवल सीख लेने के लिये याद करते हैं। वे आज में जीना पसंद करते हैं और आगे के लिये प्लान बनाते हैं।

एक ही गलती को बार-बार नहीं दोहराते
वे अपनी पिछली गलतियों से सीखते हैं। नतीजतन, वे उससे सबक लेते हैं, आगे बढ़ते हैं और भविष्य में बेहतर निर्णय लेते हैं।

दूसरों से जलते नहीं
वे दूसरों की सफलता से खुश हो कर उनके साथ मिल कर जश्न मानते हैं। उनका मानना है कि सफलता केवल कड़ी महनत से मिलती है।

एक हार के बाद निराश नहीं होते
रास्ते में आने वाली कठिनाई से विफल होकर वो अपना रस्ता नहीं बदलते बल्कि इसको एक मौका समज कर उससे सीखते हैं। वो बार-बार उस कठिनाई का सामना करते हैं जबतक वो कठिनाई को पार नही कर देते।

दुनिया से कुछ अपेक्षा नहीं रखते
वे नहीं चाहते कि किसी भी काम को करने के बाद दुनिया उन्हें सर आंखों पर बैठाये या धन्यवाद बोले। इसके बजाय वे अपनी योग्यता के आधार पर आधारित अवसरों को खोजते हैं।

Comments

Popular posts from this blog

तेनालीरामा की कहानी: अंगूठी चोर (Tenali Rama Story: The Lost Ring)

तेनालीरामा की कहानी: अंगूठी चोर (Tenali Rama Story: The Lost Ring) एक बार की बात है, राजा कृष्ण देव राय उदास होकर अपने सिंहासन पर बैठे थे. तभी तेनालीराम आ पहुंचे. उन्होंने राजा की उदासी का कारण पूछा, तो राजा ने बताया कि उनकी पसंदीदा अंगूठी खो गयी है, दरअसल वो अंगूठी रत्न जड़ित और बेहद कीमती थी. राजा को वो बहुत पसंद थी. राजा को शक था कि उनके बारह अंग रक्षकों में से किसी एक ने वो अंगूठी चुराई है. तेनालीराम ने कहा, “मैं अंगूठी चोर को बहुत जल्द पकड़ लूंगा”, यह सुनकर राजा कृष्ण देव राय बहुत प्रसन्न हुए. तेनालीराम ने राजा के अंगरक्षकों को बुलाकर उनसे कहा, “राजा की अंगूठी आपमें से किसी एक ने चुराई है, लेकिन मैं इसका पता बड़ी आसानी से लगा लूंगा. चोर को कड़ी सज़ा मिलकर रहेगी और जो सच्चा है उसे डरने की कोई ज़रुरत नहीं. आप सब मेरे साथ काली मां के मंदिर चलो.” राजा हैरान थे कि चोर को पकड़ने के लिए भला मंदिर क्यों जाना है? यह भी पढ़ें:  तेनालीरामा की कहानी: स्वर्ग की खोज  मंदिर पहुंचकर तेनालीराम पुजारी के पास गए और उन्हें कुछ निर्देश दिए. इसके बाद उन्होंने अंगरक्षकों से कहा, “आप सबको बारी...

छोटे बच्चे की परवरिस कैसे करें :- (How to make a small child)

छोटे बच्चे की परवरिस कैसे करें :- (How to make a small child) छोटे बच्चे की परवरिस के लिए कोई भी परिभाषा नहीं मानी गई है क्योंकि    छोटे बच्चे की परवरिस हर माँ बाप अपने ढंग से करता है बच्चे की केसे परवरिस की जाती उसकें लिए कोई परिभाषा नही बल्कि बच्चे की परवरिस में उसकी खुशी का होना बहुत जरूरी है बच्चे की सही परवरिस के लिए कुछ ठीक नुक्ते ही काम आते है बच्चे को अच्छी परवरिस देने के लिए उसके माता पिता की समझ का ठीक होना जरूरी है सभी बच्चों को एक जेसी परवरिस नही मिल सकती हे क्योंकि सभी बच्चों के माता पिता अपने अपने ठंग से उनकी परवरिस करते है हमारे घर में जब छोटा बच्चा जन्म लेता है तो हम लोग बहुत खुश होते है घर में बच्चे का जन्म लेना हमारी खुशकिस्मती होती है

कहीं आप भी मच्छर भगाने के नाम पर अपने बच्चो को जहर तो नहीं दे रहे ?

मित्रो मच्छर भगाने के लिए आप अक्सर घर मे अलग अलग दवाएं इस्तेमाल करते हैं ! कोई तो liquid form मे होती हैं ! और कोई कोई coil के रूप मे और कोई छोटी टिकिया के रूप मे !! और all out ,good night, baygon, hit जैसे अलग-अलग नामो से बिकती है ! इन सबमे जो कैमिकल इस्तेमाल किया जाता है ! वो डी एथलीन है,मेलफो क्वीन है और फोस्टीन है !! ये तीन खतरनाक कैमिकल है ! और ये यूरोप मे अन्य 56 देशो मे पिछले 20 -20 साल बैन है ! और हम लोग घर मे छोटे-छोटे बच्चो के ऊपर ये लगाकर छोड़ देते हैं ! 2-3 महीने का बच्चा सो रहा होता है ! और साथ मे ये जहर जल रहा होता है !! TV विज्ञापनो ने आम व्यक्ति का दिमाग पूरा खराब कर दिया है ! वैज्ञानिको का कहना है ये मच्छर मारने वाली दवाए कई कोई बार तो आदमी को ही मार देती हैं !! इनमे से निकलने वाली सुगंध मे धीमा जहर है जो धीरे – धीरे शरीर मे जाता रहता है !!और कोई बार आपने भी महसूस किया होगा इसे सुघने से गले मे हल्की-हल्की जलन होने लगती है ! ये जो तीन खतरनाक कैमिकल डी एथलीन है मेलफो क्वीन है और फोस्टीन है ! इन पर कंट्रोल विदेशी कंपनियो का है ! जो आयात कर यहाँ लाकर बेच रहे है ! और क...