फिल्म इंदु सरकार से कांग्रेस इतना डर गयी है कि महाराष्ट्र सरकार से रिलीज से पहले खुद देखने की मांग की है, कांग्रेस नेता संजय निरूपम ने फिल्म के कुछ दृश्यों पर आपत्ति दर्ज की थी जिसके बाद महाराष्ट्र में विपक्ष के नेता राधाकृष्णन पाटिल ने मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडनवीस को पत्र लिखकर संजय निरूपम की मांग पर विचार करने का आग्रह किया है.
राधाकृष्णन पाटिल काकहना है कि इस फिल्म में असली कहानी से छेड़छाड़ की गयी है जो कांग्रेसी कार्यकर्ताओं के सेंटिमेंट को हर्ट कर सकती है इसलिए फिल्म को रिलीज करने से पहले इसे कांग्रेसी नेताओं को दिखानी चाहिए ताकि बाद में समस्या ना हो.
इससे पहले फिल्म के निर्माता मधुर भंडारकर ने आश्वासन दिया था कि यह फिल्म इमरजेंसी की डॉक्यूमेंटरी नहीं है बल्कि कल्पना पर आधारित है. मैंने यह फिल्म एक निर्माता के तौर पर बनाई है, फिल्म में 70 फ़ीसदी कल्पना है जबकि 30 फ़ीसदी असलियत है, रियलिटी सबूतों पर आधारित है, मुझे समझ में नहीं आ रहा है कि कांग्रेस के लोग फिल्म को पहले क्यों देखना चाहते हैं.उन्होंने कहा कि इस फिल्म को सेंसर बोर्ड से पास होने दीजिये और उसके बाद थियेटर में खुद जाकर देखिये.
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि फिल्म इंदु सरकार इंदिरा गाँधी द्वारा लगाई गयी इमरजेंसी पर बनी है, इमरजेंसी के समय 22 महीनों तक क्या क्या हुआ, इसमें बताया गया है.
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