- ByJaianndata.com
- Publish Date: 01-04-2018 / 10:33 PM
- Update Date: 01-04-2018 / 10:33 PM
आजकल की यंग जेनरेशन पूरी तरह से सोशल-मीडिया पर आधारित है। सोशल मीडिया से जुड कर अपनी दिन-भर की एक्टिविटी पोस्ट करना, दोस्तों के टच में रहना ये सब काफी पसंद होता है, लेकिन इन सब चक्करों में सब ये भूल जाते हैं की इन सव का उनकी सेहत पर क्या असर पड़ेगा।
हाल ही में अक शोध से पता लगा है की टीनएज लड़को की तुलना में टीनएज लड़कीयों की हेल्थ पर ज्यादा असर पड़ता है।
यूनिवर्सिटी ऑफ एसेक्स और यूसीएल विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने पाया है कि शुरुआती टीनएज (10 वर्ष) में सोशल मीडिया पर खर्च किए गए समय का बाद की टीनएज (उम्र 10-15) के अच्छे स्वास्थ्य के बीच एक संबंध है। लेखक कारा बुकर ने कहा कि इस मामले में लड़कियों को ज्यादा सावधानी रखने की आवश्यक्ता है क्योंकि अभी सोशल मीडिया को दिया गया समय उनके बाद के उम्र के लिए हानिकारक है।
शोध मे पाया गया है की 13 वर्ष की उम्र में सोशल मीडिया में लड़कियां, लड़कों से एक घंटा ज्यादा समय बिताती थीं। शोध में यह भी पाया गया कि 59 प्रतिशत लड़कियां और 46 प्रतिशत लड़के सोशल मीडिया पर हरदिन एक या अधिक घंटे बिताते हैं जिसकी वजह से लड़के और लड़कियों के सुख-प्रसन्नता में गिरावट देखी गई।
अध्ययन में यूके हाउस होल्ड पैनल स्टडी के डाटा का इस्तेमाल किया गया। इसमें 10 से 15 वर्ष के 9,859 बच्चों से पूछा गया था कि स्कूल के आम दिनों में वह कितने घंटे सोशल मीडिया में बिताते हैं। लेखकों ने पाया कि लड़कियों में हैपीनेस स्कोर तीन अंक गिरकर 36.9 से 33.3 हो गया और लड़कों में यह दो अंक गिरकर 36.02 से 34.55 पर पहुंच गया।
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