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Showing posts with the label Pregnancy And Parenting

बच्चे की त्वचा की देखभाल मानसून में कैसे करें ?

बच्चे की त्वचा की देखभाल मानसून में कैसे करें ? मानसून के दिनों में लोग उमस, गर्मी और नमी का अनुभव करते हैं। मानसून में सेहत, इस मौसम में स्किन इन्फेक्शन होने का खतरा बढ़ जाता है खासकर बच्चो की त्वचा में, क्यूंकि उनकी त्वचा बड़ों की तुलना में मुलायम होती है। बच्चे की देखभाल, कई माता पिताओं को त्वचा में होने वाले इन इन्फेक्शन का अंदाजा नहीं होता और न ही वो इसके लिए कोई सुरक्षित तरीका अपनाते हैं।

प्रोलैक्टिन हॉर्मोन डिसऑर्डर के माताओं में कारण, लक्षण और इलाज़

प्रोलैक्टिन हॉर्मोन डिसऑर्डर के माताओं में कारण, लक्षण और इलाज़ प्रोलैक्टिन (Prolactin) एक प्रोटीन हॉर्मोन है जो पूर्वकाल के पिट्यूटरी ग्लैंड (anterior pituitary gland) के द्वारा स्रावित किया जाता है। ये पूर्वकाल के पिट्यूटरी ग्लैंड ब्रेन में स्थित होते है। ये मिल्क का स्राव मम्मरी ग्लैंड (mammary gland) में लैक्टेटिंग (lactating) पीरियड दौरान कर बहुत ही महत्वपूर्ण किरदार को निभाता है।

अनचाहे गर्भ से छुटकारा पाने वाले सरल उपाय

अनचाहे गर्भ से छुटकारा पाने वाले सरल उपाय भारतीय सामाजिक परिदृश्य आज तेजी से बदल रहे है। आज कपल लिव इन रिलेशनशिप में रहते है और शादी से पहले शरीरक संबंध का चलन भी बढ़ रहा है इस वजह से कई बार ना चाहते हुए भी लड़कियां प्रेगनेंट हो जाती है। अनचाहे गर्भ में बढ़ोतरी की वजह से आज मार्किट में गर्भनिरोधक गोलियां और कंडोम के प्रयोग में काफी इजाफा हुआ है।

महिलाओं में रजोनिवृति के लक्षण और कारण मेनोपॉज क्या है?

महिलाओं में रजोनिवृति के लक्षण और कारण मेनोपॉज क्या है? रजोनिवृत्ति क्या है? उम्र के साथ साथ महिलाओं में कई तरह के परिवर्तन होते हैं। 10-12 साल से महिलाओं में मासिक चक्र की शुरुआत हो जाती है जो 50 वर्ष चलता है। लेकिन 50 तक पहुँचते पहुँचते यह चक्र बंद होने लगता है और महिलाओं की इसी स्थति को मेनोपौज़ या रजोनिवृति या मेनोपॉज के नाम से जाना जाता है। यह कोई रोग नहीं है बल्कि शरीर की एक सामान्य प्रक्रिया है जिससे होकर एक उम्र के बाद हर महिला को गुज़ारना पड़ता है। इस स्थिति के बाद समस्त प्रजनन क्रियाशीलता समाप्त हो जाती है या यूँ कहें कि रजोधर्म / मासिक चक्र के बंद हो जाने के बाद महिला के गर्भ धारण करने की सारी संभावनाएं समाप्त हो जाती हैं।

छोटे बच्चे की परवरिस कैसे करें :- (How to make a small child)

छोटे बच्चे की परवरिस कैसे करें :- (How to make a small child) छोटे बच्चे की परवरिस के लिए कोई भी परिभाषा नहीं मानी गई है क्योंकि    छोटे बच्चे की परवरिस हर माँ बाप अपने ढंग से करता है बच्चे की केसे परवरिस की जाती उसकें लिए कोई परिभाषा नही बल्कि बच्चे की परवरिस में उसकी खुशी का होना बहुत जरूरी है बच्चे की सही परवरिस के लिए कुछ ठीक नुक्ते ही काम आते है बच्चे को अच्छी परवरिस देने के लिए उसके माता पिता की समझ का ठीक होना जरूरी है सभी बच्चों को एक जेसी परवरिस नही मिल सकती हे क्योंकि सभी बच्चों के माता पिता अपने अपने ठंग से उनकी परवरिस करते है हमारे घर में जब छोटा बच्चा जन्म लेता है तो हम लोग बहुत खुश होते है घर में बच्चे का जन्म लेना हमारी खुशकिस्मती होती है

छोटे बच्चे को जल्दी सुलाने के कुछ उपाय ( Some Tips to Quickly Fix a Child )

छोटे बच्चे को जल्दी सुलाने के कुछ उपाय ( Some Tips to Quickly Fix a Child ) अपने छोटे बच्चे को सुलाने के लिए माता पिता हर प्रकार की कोशिश करते रहते हें लेकिन वे कई बार ऐसे गलत कार्य कर देते हें की जिनके बारे में उनको अपने आप भी पता नहीं चलता हैं | अपने छोटे बच्चे को सुलाने के लिए हमें बहुत सारी बातो बातो को ध्यान में रखना चाहिए | यदि हम अपने बच्चे की नींद पर ध्यान नहीं देंगे तो हमारे बच्चे को अनेक दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता हें | 

गर्भावस्था में सावधानियां/Precautions During Pregnancy

गर्भावस्था में सावधानियां/Precautions During Pregnancy   स्त्री तब पूर्ण होती है जब वह माँ    बनती है । किसी युवती के लिये पहली  बार माँ बनना एक अनोखी और चुनौतीपूर्ण क्रिया होती है । गर्भ धारण करने के बाद से युवती के शरीर में कई तरह के बदलाव शुरू हो जाते हैं । यह बदलाव पहले महीने से शुरू हो जाते हैं और डिलेवरी के बाद के कुछ महीने तक होते हैं ।

प्रसव में देरी घरेलू उपचार

loading... प्रसव में देरी अगर किसी कारण प्रसव में देरी हो जाती है तो नीचे दिए गए घरेलू उपचार कीजिए। प्रसव में देरी घरेलू उपचार : गर्भ अवस्था में सवेरे श्याम बायोकेमिक कि कलकेरीय फास 6x दावा चार चार गोली जीभ पर रखकर चूसने से संतान स्वस्थ होती है और गर्भवती स्वास्थ्य रक्षा होती है। इस दवा को देने पर कैल्शियम की गोलियों की कोई जरूरत नहीं होती। अगर किसी भी प्रकार की प्रसव में देरी समस्या हो तो पीपल और बस पानी में पीसकर एरंड के तेल में मिलाएं तथा नाभि पर लेप करें। ऐसा कुछ दिनों तक नियमित करने से हर तरह की प्रसव पीड़ा से छुटकारा मिलता है। असली मुक्ता पिष्टी 3 ग्राम, स्वर्ण भस्म 1 ग्राम, अभ्रक भस्म सहस्त्र पुटी 3 ग्राम, स्वर्ण बसंत मालती 10 ग्राम, गर्भ चिंतामणि रस 10 ग्राम तथा अमृता सत्व श्वेत 5 ग्राम लेकर एक साथ मिलाकर शतावर के रस या क्वाथ के साथ खरल में पूरे दिन भर को घुटाई करके दो दो रत्ती की गोलियां बना ले। इसे एक एक गोली की मात्रा में दिन में दो बार दूध के साथ सेवन करें। गर्भावस्था के विभिन्न समस्याओं में यह योग स्त्री की रक्षा करता है। गर्भकालका ज्वर, गर्भस्राव, श्वास काश, कमजो

गर्भ निरोधक टेबलेट आई पिल गोली का इस्तमाल हिंदी में

loading... गर्भ निरोधक टेबलेट आज कल बाजार में बहुत ही गर्व गर्भ निरोधक टेबलेट औषधि या उपलब्ध है जिससे आप अनचाहा गर्भ निकाल सकते हो। लेकिन यह गर्भनिरोधक टेबलेट औषधियों के कई प्रकार के साइड इफेक्ट्स होते हैं। जो शरीर पर गहरा असर कर सकते हैं। इनमें से एक दवाई है I pill, यह एक गर्भ निरोधक टेबलेट गोली है जिससे आप अनचाहा गर्भधारण से बच सकते हैं। गर्भ निरोधक टेबलेट फायदे और नुकसान: यह अनचाहे गर्भ को रोकने में प्रयोग की जाती है और यह गर्भपात की दवा नहीं है। इसे असुरक्षित सेक्स के बाद जल्द से जल्द लेना चाहिए। यह एक आपातकालीन गर्भनिरोधक गोली है। इसका नवजात शिशु की मां के दूध की गुणवत्ता, मात्रा या  शिशु के विकास पर प्रभाव नहीं पड़ता। यह HIV संक्रमण या अन्य यौन संचारित रोगों से सुरक्षा नहीं देती। असुरक्षित सेक्स के 24 घंटे के भीतर खाने से इस के अवसर करने की संभावना 95 परसेंट होती है। इसे खाने से पहले इसकी एक्सपायरी डेट इन जरुर देख लेना चाहिए। अगर आप पहले से ही गर्भवती है तो यह दवा आपके कोई काम की नहीं। इसे खाने के बाद आपको पेट दर्द हो सकता है। इसे खाने के बाद आपको बेचैनी हो सकती

प्रेग्नेंट होने के टिप्स तरीके

loading... प्रेग्नेंट होने के टिप्स मां बनना हर स्त्री का सपना होता है। लेकिन कई बार कई वजह से स्री मां नहीं बन पाती। गलत आदतों की वजह से यह समस्या आती है। तो आईए जानते हैं प्रेग्नेंट होने के आसान टिप्स। प्रेग्नेंट होने के टिप्स : तनाव मुक्त रहना गर्भ ठहरने के लिए बहुत जरूरी है। स्त्री को सेक्स करने के बाद 15-20 मिनट तक पीठ के बल लेटे रहना चाहिए। इससे प्रेग्नेंट होने की संभावना बढ़ जाती है और प्रेग्नेंट होने के टिप्स है । बाथ टब में गर्म पानी से बात ना लें।  लिंग का गरम पानी से संपर्क  शुक्राणुओं के लिए अच्छा नहीं होता। इसलिए ज्यादा गर्म पानी से ना नहाए। सेक्स करने के बाद लिंग को योनि से तब तक नहीं निकाले जब तक वह खुद बाहर नहीं आ जाता। तनाव मे  सेक्स करने से मजा तो किरकिरा होता है, साथ ही गर्भ ठहरने में भी दिक्कत होती है। योनि को रात में साफ न करें योनी  को अगली सुबह ही साफ करे। लिंग और अंडकोष को गर्म पानी से ना धोए। लैपटॉप को जांघ में रखकर काम ना करें। किसी भी तरह का नशा ना करें। अन्य दवाइयों का प्रयोग ना करें। दवाइयों को तुरंत बंद करने के बाद भी गर्भ ठहरने में देरी हो

पीरियड मिस होने के ये कारण भी हो सकते है - Reasons for Missed Period

पीरियड मिस होने के ये कारण भी हो सकते है - Reasons for Missed Period आप को पता होगा की पीरियड महिलाओं की जिंदगी का एक कड़वा सत्य है। यह चक्र हर महीने आकर कुछ दिनों की पीड़ा में महिलाओं को परेशान कर देता है। लेकिन कभी-कभी यह हर महीने नहीं होते। आम धारणा में ऐसा होने का मतलब है कि आप प्रेगनेंट हैं लेकिन ऐसा नहीं है प्रेगनेंट होने के अलावा भी ऐसे कई कारण हैं जिस वजह से आपके पीरियड मिस हो सकते हैं। जाने पीरियड मिस होने के प्रमुख कारण- 1.अगर आपका वजन अचानक बहुत ज्यादा बढ़ गया है ऐसी स्थिति में पीरियड मिस हो सकता है। वजन बढ़ने से होर्मोन्स में बदलाव आता है जिसका सीधा असर आपके मासिक धर्म पर होता है। 2.अगर आपकी डाइट अनियमित है और आप खाने के रूटीन पर बिलकुल भी ध्यान नहीं देती, ऐसी स्थिति में पीरियड मिस होने की आशंका बढ़ जाती है। 3.शरीर में खून की कमी होने की वजह से भी आपके मासिक धर्म पर असर पड़ता है और आपके पीरियड मिस हो सकते हैं। इसके लिए समय आने के नजदीक उन फलों का सेवन करें जिससे खून बनता हो। 4.किसी प्रकार चिंता, डिप्रेशन और स्ट्रेस आपका पीरियड टाइम मिस करवा सकती है। ऐसे में आप खुद को

डिलीवरी के बाद जाना हो ऑफिस , तो ट्राय करें ये टिप्स

डिलीवरी के बाद महिलाओं के शरीर में बहुत बदलाव आते हैं।उस बदलाव को फिर से शेप में लाने के लिए बहुत मेहनत करनी पड़ती है। लेकिन ऑफिस की लीव आपको इतना समय नहीं देती। ऐसे में आपको उसी फिगर के साथ ऑफिस ज्वॉइन करना पड़ता है। बात जब ऑफिस वेयर्स की हो तो यहां एलीगेंट दिखने का प्रेशर थोड़ा और बढ़ जाता है। लेकिन कुछ टिप्स को फॉलो करके आप वेस्टर्न हो या ट्रेडिशनल दोनों ही तरह के आउटफिट में परफेक्ट नजर आ सकती हैं। डार्क कलर के आउटफिट्स प्रेग्नेंसी के दौरान बढ़े फैट को कवर करने के लिए डॉर्क कलर के आउटफिट्स बेस्ट रहेंगे जो आपको स्लिम दिखाएंगे। सॉटिन और सिल्क फैब्रिक के शर्ट्स और टॉप को पेयर करें ए-लाइन स्कर्ट या ट्राउजर्स के साथ। किसी खास इवेंट्स या पार्टी में डॉर्क कलर के ड्रेस और साड़ी के अलावा मैटेलिक शेड्स भी ट्राय कर सकती हैं। बड़े पैटर्न और ब्राइट कलर्स को अवॉयड करें क्योंकि इसमें बॉडी और ज्यादा हैवी नजर आती है। देसी लुक को न भूलें ढ़ीले-ढ़ाले कुर्ते को चूड़ीदार या लैगिंग्स के साथ पहनें जो फीगर को कवर करने के साथ ही काफी कम्फर्टेबल भी रहेगा।  एम्पायर कट कुर्ते आपके चेस्ट और बैली के हिसाब स

अब ब्रेसलेट आपको प्रेंगनेंट होने के सही समय की जानकारी देगा - Right time information to pregnet

अब ब्रेसलेट आपको प्रेंगनेंट होने के सही समय की जानकारी देगा - Right time information to pregnet - आज के जमाने में हमारी जिंदगी अब पहले से ज्यादा स्मार्ट हो गई है, और हो भी क्यों ना. नए ऐप....स्मार्टवॉच और ऐसे रिस्टबैंड आ गए हैं जो आपको बताएंगे की  क्या करना चाहिए क्या नहीं. किसी वक्त सोना है. किस वक्त जागना है. कितना चलना है. कितना खाना है. ये सब अब आपको याद रखने की जरूरत नहीं पड़ेगी. अच्छी बात तो यह है कि अब एक नया ब्रेसलेट आ गया है जो आपको प्रेंगनेंट होने का सही समय बताने जा रहा है. Ava कंपनी ने एक Ava ब्रेसलेट बनाया है जो फर्टिलिटी ट्रैकिंग डिवाइस है. ये महिलाओं को रियल टाइम में उनके पीरियड साइकल के दौरान सबसे ज्यादा फर्टाइल दिनों की जानकारी देगा. महिलाएं प्रेगनेंट होने के सही समय को लेकर बहुत परेशान और दुविधा में रहती हैं पर इस ब्रेसलेट से उनकी चिंता कम हो सकती है. इसकी सही इस्तेमाल करने के लिए आपको इस ब्रेसलेट को रात में सोते वक्त पहनना है. फिर ये रात भर सारे डेटा कलेक्ट करके ब्रेसलेट से कनेक्टेड स्मार्टफोन में इसकी जानकारी दे देगा. रिसर्च का कहना है कि ये ब्रेसलेट महिलाओं के

महिलाए अपने स्तनों को देख कर सोचती है ये 5 अजीब सी बातें - About Female breast

महिलाए अपने स्तनों को देख कर सोचती है ये 5 अजीब सी बातें - About Female breast - महिलाओ की खूबसूरती की तुलना उनके स्तनों को देख कर की जाती है। पुरुषो की नज़र भी सबसे पहले किसी महिला के बूब्स पर ही जाकर ठहरती है। पुरुष बस महिलाओ के बूब्स को देखते ही रह जाते है। उनके मन में इस दौरान क्या चलता रहता है ये तो किसी को बताने की ज़रूरत नहीं है। लेकिन ज़रा सोचिये की महिलाए अपने बूब्स को देख कर क्या सोचती होंगी ? रहने दीजिये, हम ही बता देते है..... 1. महिलाए अक्सर अपने स्तनों को देख कर ये सोचती है की कही मेरे बूब्स का साइज एक जैसा तो है ना। 2. महिलाए अपने बूब्स को देख कर ये सोचती है की कही ये बड़े छोटे ना हो और नीचे की तरफ झुके ना हो। 3. महिलाए कही भी कांच नज़र आने पर उसमे अपने बूब्स को देखती है। उन्हें ऐसा लगता है की उनके बूब्स के कारण वह बदसूरत लग रही है। 4. महिलाए अक्सर अपने बूब्स को देख कर ये सोचती है की काश उन्हें ब्रा नही पहनना पड़ती तो कितना अच्छा होता। 5. महिलाए अक्सर अपने बूब्स को देख कर ये सोचती है क़ई इनका आकर अत्यधिक बढ़ा या अत्यधिक छोटा तो नहीं है।

हर बेटी के भाग्य में

हर बेटी के भाग्य में

बच्चों को निमोनिया से बचाने के घरेलू उपाय

आमतौर पर सर्दी के मौसम में बड़े हो या छोटे सभी बुखार, खाँसी और ज़ुक़ाम से पीड़ित रहते हैं। जिसे अक्सर लोग नज़र अन्दाज़ भी कर जाते हैं। इसीलिए कुछ लोगों को तो सर्दी ज़ुखाम लंबे समय तक जकड़े रहता है। लेकिन अगर यही लापरवाही छोटे बच्चों के प्रति की जाए तो यह लापरवाही जानलेवा साबित हो सकती है। क्योंकि इस मौसम में सबसे ज़्यादा बीमारियों से ग्रसित बच्चे होते है जो बहुत ही नाजुक और कोमल होते है जिनका विकास अभी हो रहा होता है इसीलिए इनकी उचित रूप में देखभाल करना और हर छोटे बड़े रोगों से रक्षा करना ज़रूरी होता है। आपके बच्चे सर्दियों में स्वस्थ रहें इसीलिए आज हम आपको निमोनिया (अंग्रेजी: Pneumonia) की जानकारी देने जा रहे हैं ताकि आप इन सर्दियों में अपने बच्चों को निमोनिया से सुरक्षित रख सकें… निमोनिया की जानकारी यह एक ऐसी बीमारी है जो बैक्टीरिया, वायरस और फंगस से फेफड़ों में होने वाले संक्रमण के कारण होता है, यह फेफड़ों में एक तरल पदार्थ जमा करके ब्‍लड और ऑक्सीजन के बहाव में रुकावट पैदा करता है। इसलिए आप अपने बच्‍चे को निमोनिया से सुरक्षित रखने के लिए निमोनिया के लक्षण और इनके उपाय के बारे में जानकारी अवश

क्या आपने अपने बच्चों को MR Vaccine दिया हैं ? पढ़े - Measles-Rubella (MR) Vaccination Campaign से जुड़े सवालों के जवाब

भारत सरकार ने इस वर्ष खसरा (Measles) और जर्मन खसरा (Rubella) के खिलाफ दुनिया का सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान Measles-Rubella Vaccination Campaign की शुरुआत की हैं। Measles यह बच्चों के लिए जानलेवा बीमारी है और Rubella के कारण बच्चों में कई प्रकार के जन्मजात दोष निर्माण होते हैं। ऐसे तो अभी तक 2 वर्ष तक के आयु के बच्चों को MMR वैक्सीन के 2 dose दिए जाते है पर इस अभियान के अंतर्गत 9 महीने से 15 वर्ष तक के बच्चों को अतिरिक्त MR वैक्सीन का बूस्टर डोज़ दिया जानेवाला हैं। Measles और Rubella को Polio की तरह भारत से जड़ से मिटाने के लिए यह अभियान शुरू किया गया हैं। भारत सरकार के Measles-Rubella Vaccination Campaign को लेकर कई लोगों के मन कई तरह के सवाल है जिसका जवाब देने की कोशिश आज इस लेख में हम करने जा रहे हैं। अधिक जानकारी निचे दी गयी हैं : Measles-Rubella (MR) Vaccination Campaign से जुड़े सवालों के जवाब Measles-Rubella Vaccination Campaign FAQ in Hindi    1. MR Vaccine कब दी जाती हैं ? सामान्यतः बच्चों को दो वर्ष की आयु तक MMR वैक्सीन के अंतर्गत MR वैक्सीन के दो डोज़ दिए जाते हैं। पहला ड