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बच्चे की त्वचा की देखभाल मानसून में कैसे करें ?

बच्चे की त्वचा की देखभाल मानसून में कैसे करें ?


मानसून के मौसम में फंगल इन्फेक्शन,मानसून में बीमारी आपके बच्चे की त्वचा को शिकार बना सकते हैं। फंगस को वृद्धि करने के लिए इसी तरह का गर्म और उमस भरा मौसम चाहिये होता है। बच्चों की देखभाल कैसे करे :-

त्वचा संक्रमणों की सूची और बचाव (List of skin infections and protective measures)

1. रिंगवर्म इन्फेक्शन (Ringworm infection se skin ki dekhbhal)

यह एक हानिकारक फंगल इन्फेक्शन है जो आपके बच्चे की त्वचा में गोलाकार चकत्ते बना सकता है। शुरुआत में इसके गोलाकार चकत्ते छोटे होते हैं लेकिन खुजली करने पर वे आकर में बढ़ते जाते हैं और त्वचा के दूसरे भागों में भी फैलते जाते हैं।

रिंगवर्म इन्फेक्शन के स्त्रोत (Source of ringworm infection)

यह किसी दूसरे व्यक्ति से आपके बच्चे में फ़ैल सकता है, साथ ही घरेलू पालतू जानवरों को इसके होने पर भी यह आपके बच्चे तक पहुँच सकता है। इस मौसम में फैब्रिक की बजाये सूती कपड़े बच्चे को पहनाएं और इस तरह के लक्षण दिखने पर तुरंत त्वचा रोग विशेषज्ञ के पास लेकर जाएँ।

दाद के खिलाफ बचाव के उपाय (Precautions against ringworm)

अपने बच्चे के कपड़ों को एंटीसेप्टिक (antiseptic) एवं औषधीय मिश्रण में धोएं जिससे कि इनमें फंगस (fungus) ना पनप सके। अपने बच्चे की त्वचा को भी हर समय सूखा और साफ़ सुथरा रखें। ऐसे कपड़े बच्चों को पहनाने से परहेज करें जिससे उसके शरीर में चिडचिडापन पैदा हो। अपने बच्चे को सूती के ही कपड़े पहनाने का प्रयास करें। बच्चे की त्वचा पर किसी भी तरह के धब्बे या रैश (rash) दिखने की स्थिति में अपने त्वचा रोग विशेषज्ञ से संपर्क करें।
बरसात का मौसम एक ऐसा समय होता है जब आपको अपने बच्चों की अच्छे से देखभाल करनी चाहिए। यह मौसम खुशनुमा अवश्य होता है, पर इस समय कई तरह के जीवाणुओं द्वारा पैदा किये गए संक्रमणों का शिकार हुआ जा सकता है। अतः बरसात का मौसम आने के समय त्वचा की सुरक्षा के सम्बन्ध में अच्छे से सोच विचार लें। आइये त्वचा की सुरक्षा से सम्बंधित कुछ नुस्खों के बारे में जानें।

2. नाखूनों का इन्फेक्शन (Nail infection)

नाखूनों के कोने में इस तरह के इन्फेक्शन के फैलने का खतरा बना रहता है, लगातार पसीने के बने रहने से या बच्चे द्वारा उस भाग को लगातार खुजली करने से यह समस्या पनप सकती है। इस तरह के इन्फेक्शन में कुछ दिनों बाद नाखूनों का रंग खराब होने लगता है साथ ही इनके आसपास सूजन आना भी शुरू हो जाती है।

नेल इन्फेक्शन के स्त्रोत (Sources of nail infection)

अगर आपके बच्चे को अत्यधिक पसीना आता है, मूत्र अधिक निकलता है तो नेल इन्फेक्शन का खतरा बढ़ जाता है क्यूंकि नाखूनों के इस तरह से मूत्र या पसीने के संपर्क में आने से नाखूनों में नमी बनी रहती है और इन्फेक्शन का खतरा बढ़ जाता है।

सावधानी और सुरक्षा (Protection and cure)

इस तरह के लक्षण दिखाई देने पर तुरंत डॉक्टर से सम्पर्क करें, साथी ही आप अपने बच्चे त्वचा को ध्यान में रखते हुये कुछ फंगल क्रीम भी उपयोग कर सकते हैं।

बच्चों की त्वचा में संक्रमण का घरेलू इलाज (Home remedies for baby skin problems – barasat me hone wali bimariyan)

अगर आपका बच्चा मानसून में मौसम में त्वचा संक्रमण की समस्या से गुजर रहा है तो इन घरेलू उपायों और औषधियों को अपनाएँ, जिनके कोई साइड इफेक्ट भी नहीं होते,बच्चों की देखभाल –
  • नीम के पेड़ से ताज़ी पत्तियां लें और पीसकर पेस्ट बना लें, इस पेस्ट को अपने बच्चे की त्वचा पर लगायें और त्वचा की समस्याओं से मुक्ति पायें।
  • मुल्तानी मिट्टी भी स्किन इन्फेक्शन के लिए अच्छी मानी जाती है। थोड़ी से मिट्टी लेकर पानी के साथ इसका पेस्ट बना लें और इस पेस्ट को अपने बच्चे की त्वचा पर लगायें आराम मिलेगा।
  • चंदन का पावडर और गुलाब जल का मिश्रण भी त्वचा के संक्रमण के लिए एक बेहतर औषधीय विकल्प है जो प्राकृतिक तरीके से आपके बच्चे की त्वचा को खुजली और संक्रमण से बचाता है।
  • आप चने के आटा, दही और हल्दी का पेस्ट बना कर भी अपने बच्चे की त्वचा को संक्रमण में राहत पंहुचा सकते हैं।

बरसात के मौसम में बच्चों की त्वचा की सुरक्षा के नुस्खे (Skin protection tips for kids in monsoons)

छाता लेकर चलें (Carry umbrella for barish mai skin care)

आपका बच्चा एक छाता पकड़ने के लिए काफी छोटा होता है। जब भी आप उसे स्कूल या खेलकूद के लिए बाहर ले जाएं तो यह आपकी ज़िम्मेदारी है कि आप उसे पूरी तरह सुरक्षित रखें। यही वह समय है जब आपको अपने बच्चे के लिए एक छाता हमेशा अपने पास रखना चाहिए। अपने बच्चे और खुद के सिर को भी अच्छे से ढककर रखें जिससे बारिश की बूँदें आपके बच्चे की त्वचा पर गिर ना पाएं। यह एक काफी सामान्य पर महत्वपूर्ण बचाव उपाय साबित होता है।

बच्चे को पानी अवश्य पिलाएं (Child must drink water)

पानी पीना एक ऐसी क्रिया है जिससे आपके बच्चे को बारिश के मौसम में परहेज नहीं करना चाहिए। बच्चों में एक आदत यह होती है कि वे लम्बे समय तक बिना पानी पिए रह जाते हैं। पर यह आदात काफी घातक साबित हो सकती है क्योंकि बरसात के मौसम के दौरान पानी पीना काफी ज़रूरी होता है। आपके बच्चे के शरीर में मौजूद अशुद्धियाँ पानी के छींटों से आसानी से दूर हो सकती हैं। जब भी आपका बच्चा पानी पीता है, उसके शरीर में पनप रहा बैक्टीरिया (bacteria) आसानी से बाहर निकल जाता है।

मोइस्चराइज़र का प्रयोग (Application of moisturizer for twacha ki dekhbhal)

जिस तरह त्वचा पर लम्बे समय तक मोइस्चराइज़र का प्रयोग ना करने से वह रूखी हो जाती है, इसी तरह आपके बच्चे की त्वचा पर इसका इसी तरह का प्रभाव पड़ता है। यह भी रूखी और अनाकर्षक बन जाती है। बारिश के मौसम के दौरान वातावरण में नमी काफी कम मात्रा में मौजूद होती है। अतः इस समय आपके लिए अपने त्वचा के मोइस्चराइज़र का प्रयोग करना काफी ज़रूरी हो जाता है। अगर आपके बच्चे की भी यही परेशानी है तो बच्चों के लिए बने मोइस्चराइज़र का प्रयोग करना आवश्यक है। व्यस्क्कों के द्वारा प्रयोग में लाया जा रहा मोइस्चराइज़र बच्चों को प्रयोग में नहीं लाना चाहिए। बाज़ार में बच्चों के लिए मोइस्चराइज़र उपलब्ध हैं जिन्हें खरीदकर अपने बच्चे को सुकून प्रदान करें। बारिश के मौसम का समय एक नवजात बच्चे के लिए अच्छा नहीं होता है। वह इस समय काफी खतरे में रहता है और इसीलिए उसे अतिरिक्त देखभाल की आवश्यकता होती है।

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