Skip to main content

आर्ट्स एंड क्राफ्ट का अध्यापन अन्य विषयों से हटकर

आर्ट्स एंड क्राफ्ट का अध्यापन अन्य विषयों से हटकर


आज भले ही हमारे आसपास हजारों जॉब ऑप्शंस उपलब्ध हों मगर जिन लोगों का मन शिक्षण में लगता है, उनके लिए आज भी यह बाकी सारे प्रोफेशंस से ऊपर है। यूं तो हर विषय का अध्यापन अपनी खास विशेषताएं लिए हुए होता है मगर आर्ट्स एंड क्राफ्ट का अध्यापन अन्य विषयों से हटकर है। आज, जबकि बच्चों के विकास पर जोर दिया जा रहा है, ऐसे में स्कूली स्तर पर आर्ट्स एंड क्राफ्ट टीचर की मांग बढ़ रही है।

अगर आप भी आर्ट्स एंड क्राफ्ट टीचर बनने की चाह रखते हैं, तो इसके लिए आपको कुछ खास डिग्री/ डिप्लोमा/ सर्टिफिकेट हासिल करना होगा। ध्यान रहे, आर्ट्स एंड क्राफ्ट के तहत बहुत-से फील्ड्स आते हैं, जैसे ड्रॉइंग, पेंटिंग, थिएटर, हैडिक्राफ्ट्स, फोटोग्राफी, पेपर आर्ट, पॉटरी, क्ले मॉडलिंग आदि। हर कला एक हुनर है और इसे सिखाना, इससे भी बड़ा हुनर।

जरूरी क्वॉलिफिकेशन
यूं तो कला के प्रति नैसर्गिक रुझान पहली शर्त है लेकिन आर्ट्स एंड क्राफ्ट टीचर के पास इनमें से कोई एक अकादमिक क्वॉलिफिकेशन भी होना जरूरी है:

यूजीसी द्वारा मान्यता प्राप्त किसी सरकारी/प्रायवेट कॉलेज से आर्ट का नियमित ग्रेजुएट डिग्री कोर्स।
किसी प्रतिष्ठित कॉलेज या ट्रेनिंग सेंटर/ इंस्टीट्यूट से 1 या 2 वर्ष का आर्ट का डिप्लोमा कोर्स।
किसी सरकारी कॉलेज से 6 माह का आर्ट एप्रीसिएशन सफिकेशन कोर्स।

इन सभी कोर्सेज में थ्योरी और प्रेक्टिकल दोनों महत्वपूर्ण होते हैं। ये कोर्स करने से आप कला के तकनीकी पक्ष को अच्छी तरह समझने लगते हैं। साथ ही आपको क्लासरूम मैनेजमेंट, टीचिंग इक्विपमेंट आदि के बारे में भी सीखने को मिलता है। अपने ज्ञान को विस्तार देने के लिए आप कहीं शॉर्ट-टर्म इंटर्नशिप भी कर सकते हैं। ऐसा करने से नियमित जॉब करने से पहले आपका आत्मविश्वास भी बढ़ेगा।


कौन होता है अच्छा आर्ट्स एंड क्राफ्ट टीचर ?
एक अच्छा आर्ट्स एंड क्राफ्ट टीचर बनने के लिए केवल अकादमिक क्वॉलिफिकेशन ही पर्याप्त नहीं है। इसके लिए आपमें कुछ और गुण होना भी बेहद जरूरी है, जैसे:
आपमें कला और उसके अध्यापन को लेकर पैशन हो।
आप विद्यार्थियों के साथ सहज तालमेल बिठा लेते हों और आपमें उन्हें प्रेरित करने की क्षमता हो।
आप अथाह धैर्य के स्वामी हों। कला और शिक्षण दोनों ही धैर्य मांगते हैं।
आप हर वक्त कुछ नया सोचने की क्षमता रखते हों।
आप सिखाने के साथ-साथ खुद नया सीखते रहने को भी तत्पर हों।
विभिन्न शिक्षण तकनीकों पर आपकी मजबूत पकड़ हो।

विभिन्न स्तरों पर शिक्षण
आर्ट्स एंड क्राफ्ट टीचिंग का काम कई स्तरों पर हो सकता है: केजी से लेकर यूनिवर्सिटी तक। वैसे सबसे ज्यादा मांग स्कूल स्तर पर ही होती है। लगातार विस्तार पाते एजुकेशन सेक्टर में आर्ट्स एंड क्राफ्ट टीचर के लिए अब पहले के मुकाबले कहीं अधकि स्कोप है। फिर, छोटे बच्चों को कला की दुनिया में प्रवेश कराने का सुख शब्दों में बयान करना मुश्किल है।

Comments

Popular posts from this blog

मिलिए भारत की पहली महिला फायर फाइटर हर्षिनी कान्हेकर से (India’s First Woman Firefighter Harshini Kanhekar)

पुरुषों के क्षेत्र में क़दम रखकर हर्षिनी ने न स़िर्फ इतिहास रचा है, बल्कि कई लड़कियों की प्रेरणा भी बनी हैं. हर्षिनी कान्हेकर के लिए भारत की पहली महिला फायर फाइटर बनने का सफ़र कितना संघर्ष भरा था? आइए, उन्हीं से जानते हैं. मैं यूनीफ़ॉर्म पहनना चाहती थी यूनीफॉर्म पहने ऑफिसर्स को देखकर मैं हमेशा यही सोचती थी कि आगे चलकर मैं भी यूनीफॉर्म पहनूंगी, चाहे वो यूनीफॉर्म कोई भी क्यूं न हो. एडवेंचरस एक्टिविटीज़ मुझे बहुत पसंद थीं इसलिए पढ़ाई के दौरान मैं एनसीसी की केडेट भी रही. पीसीएम में बीएससी करने के बाद मैं आर्मी, एयरफोर्स, नेवी ज्वाइन करना चाहती थी और इसके लिए तैयारी भी कर रही थी. जब हम एचएसबी एंटरेंस एग्ज़ाम की तैयारी कर रहे थे, तो अपने शहर (नागपुर, हर्षिनी नागपुर की रहने वाली हैं) की 10 बेस्ट चीज़ें बताओ वाले सवाल के जवाब के लिए हम नेशनल फायर सर्विस कॉलेज (एनएफएससी) के बारे में भी रटते रहते थे कि यह एशिया का एकमात्र फायर ट्रेनिंग इंस्टिट्यूट है और मिनिस्ट्री ऑफ होम अफेयर्स, गवर्नमेंट ऑफ इंडिया के अंतर्गत संचालित किया जाता है. मेरा फॉर्म अलग रख दिया गया था उसी दौरान मेरे एक फ्रेंड ने बताया

जाने उच्च रक्त चाप के लक्षण,प्रभाव एवम अचूक आयुर्वेदिक उपचार

जाने उच्च रक्त चाप के लक्षण,प्रभाव एवम अचूक आयुर्वेदिक उपचार क्या है उच्च रक्त चाप- रक्तचाप धमनी की दीवारों पर लागू होने वाले बल का माप होता है। आजकल बदलती जीवनशैली और अनियमित दिनचर्या की वजह से हर इंसान पर किसी न किसी तरह का तनाव पाया जाता है और इस तनाव की वजह से धमनियों में बहने वाला रक्त अधिक या कम बल से बहने लगता है और रक्तचाप की समस्या का रूप ले लेता है।

बदन दर्द का इलाज कैसे करें –

बदन के दर्द से छुटकारा कैसे पाएँ / बदन दर्द का इलाज कैसे करें – बदन दर्द की प्राब्लम को सामान्य तौर पर लोग इग्नोर ही कर देते है क्योंकि इसको सभी नॉर्मल बीमारी मानते है। आज की व्यस्त और भाग-दौड़ भरी जिंदगी में बदन दर्द एक आम समस्या है। युवाओं में यह समस्या तेजी से बढ़ रही है। यह दर्द कुछ लोगों को कभी-कभी सताता है, जबकि ज्यादातर लोग इससे स्थायी रूप से परेशान रहते हैं। बदन का दर्द किसी भी उम्र के व्यक्ति को हो सकता है। लेकिन तीस से चालीस वर्ष की आयुवर्ग के युवाओं में यह समस्‍या तेजी से बढ़ रही है। बदन के दर्द को दूर करने के लिए आए जाने कुछ घरेलू उपाय। बदन दर्द के कारण /  कई बार ठंडे मौसम से भी बदन में दर्द और खिंचाव होता है। ऐसे में बदन की हल्की मालिश, बदन में खिंचाव वाली हलकी एक्सरसाइज़ और गर्म कपड़े पहनना शरीर को आराम देता है। गलत उठना बैठना /  कई बार उठने बैठने के गलत ढंग से भी बदन में दर्द होने लगता है। ऐसे में योगा और हल्का फूलका व्यायाम बहुत लाभप्रद होता हैं। स्ट्रेचिंग और शवासन करके भी लाभ उठा सकता है। अधिक व्यायाम / Excessive Exercise व्यायाम शुरू करने से पूर्व हल्की वार्मअ